जन्म और मृत्यु
के बीच का अंतराल
ही तो है जीवन का जीवन
सीमित पर अज्ञात
घटनाओं, अनुभवों,
कहे, अनकहे, न कह पाये,
किये, न किये, न कर पाये
पेड़, पौधे और झाड़ियाँ
प्रेम,घृणा, द्वेष, ईर्ष्या,
काम, क्रोध
लोभ, मोह
इच्छा,अनिच्छा के फल
रंग बिरंगे पाप और पुण्य के बीज
समय के झोंकों और आँधियाँ में
बहे पाप पुण्य के बीज
फिर उगते होंगे कही जा कर किसी और उर्वरा धरा पर
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- भगत सिंह, बाबा साहेब अंबेडकर और महात्मा गांधी
- The Metaphysics of ONE ; “एक” की तत्त्वमीमांसा
- संदेश
- नागर को अचानक एक पुरानी कविता याद आई
Kavita bahut hi sundar hai! Zaraa font bada hota aur peeche ki chhavi kam hilti to aur bhi khoobsoorat lagta!!