चार दोहे और ज़िंदगी !

चार दोहे सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलख  कहेंउ मुनि नाथ। हानि,लाभु,जीवन,मरन,जसु,  अपजसु सब बिधि हाथ देह धरे का दंड है सब काहू को होय,  ज्ञानी भोगे ज्ञान से मूरख भोगे रोय  राम झरोखे बइठि के जग का मुजरा  लेहु, जिसकी जैसी चाकरी  वैसी तनख़ा देहु  अजगर करें न चाकरी पंछी करें न काम दास मलूका कह गये सबके  दाता राम  यह लघु ब्लाग फ़रवरी २०२१ में वृक्षमंदिर पर पोस्ट  हुआ था। आज बाइस जून २०२१ को मेरे मित्र  अरविंद गुप्ता  से “संतोष” विषय पर चर्चा हुई , कुछ दोहे चर्चा में आये तो कुछ और उपरा गये । गोधन, गजधन, वाजिधन, और रतनधन खान।  जब आवे संतोष धन सब धन धूरी समान। जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ । मै बौरी ढूँढन गई रही किनारे बैठ । जिन खोजा तिन पाइयाँ गहरे पानी पैठ । मै बपुरा बूढ़ा डरा रहा किनारे बैठ ।  चींटी चावल ले चली बीच में मिल गई दाल। कहत कबीरा दो ना मिले  इक ले दूजी डाल । इन पर अलग से लिखूँगा । पर जैसा गोस्वामी जी ने मानस में कहा “सब विधि हाथ” !  लिखने की प्रेरणा देने के लिये अरविंद को धन्यवाद!  मै हूँ तो है मेरी ज़िंदगी ! पर कभी कभी लगता है कि मेरी जिंदगी की भी  अपनी जिंदगी होती है जो मेरे से कभी कभी  “अलग  सी” लगती है । माना मेरी ज़िंदगी का मुझ जैसा शरीर नही पर जीवंतता का स्रोत तो वह ही होता होगा जो मेरा है। एक स्रोत से  जुड़े दो, मै, और मेरी ज़िंदगी, साथ साथ पर कभी कभी  अलग से भी जीते है। मेरा और ज़िंदगी का द्वंद्व चलता ही रहता है ।अक्सर  जब मेरी इच्छा के अनुरूप चलती है तो ज़िंदगी अपनी सी लगती है ।  जब इच्छा के विपरीत चलती है तब वही ज़िंदगी  मुझसे रूठी लगती है। इस लिये क्यों कि मेरी और मेरी ज़िंदगी की “ज़िंदगियाँ” हमेशा एक जैसी नही होती हैं । पर मेरी और ज़िंदगी का साथ तो मेरे अंत तक का है ।  मै हूँ तो मेरी ज़िंदगी है ! मेरी ज़िंदगी है तो मैं हूँ ! हम जानते हैं कि रोशनी है तो अंधकार है। असत्य है तो ही सत्य है । खुशी है तो ग़म है । असफलता है तो सफलता है।  मै हूं तब सब हैं । मै नही हूं तो कोई नही ।  धूप है तो छाँव है । … Continue reading चार दोहे और ज़िंदगी !

कहाँ गये वह दिन !

एक दिन पार्क के उस छोर पर जहां मैं अक्सर घूमने जाता हूँ, पत्थरों पर लिखे यह प्रेरणादायी शब्द दिखे। साधारणत: यह पार्क सूना ही रहता है । यहाँ से दूर कुछ लोग अकेले अथवा बच्चों या कुत्ते के साथ दीखते हैं पर इस छोर पर शायद ही कभी कोई मिला हो। एकांत में यहाँ … Continue reading कहाँ गये वह दिन !

Dr. A. A. Chothani and Teliarajas of Gujarat

As remembered bv G. Rajan, former PS to Secetary,NDDB “Rajan, could you please come over to my house quickly” Dr. RP Aneja (Secretary, NDDB ) was on the intercom. It was on an early Sunday morning. It had rained the previous night. Dr.Aneja seemed concerned about something. I anticipated that there was something serious. From … Continue reading Dr. A. A. Chothani and Teliarajas of Gujarat

Thanumalaya Temple in Sucheendram , Kanyakumari District, Tamil Nadu

Dr. MPG Kurup former Executive Director National Dairy Development Board Indian Art , History , Culture , Architecture and Vedic India Real Name is Sthanumalaya Temple. circa 9th century : building started by Chola Rulers , but was completed only in 15th century AD. Kings of the Travancore Royal Family were actively involved in the … Continue reading Thanumalaya Temple in Sucheendram , Kanyakumari District, Tamil Nadu