अनुभूति -9

हरिद्वार मे जहां मै रहता हू , वह इलाका अभी भी पुराने जमाने मुहल्ले की याद दिलाती है। आधुनिक मकान और होटल तो हैं,सकरी गलियां भी है। छोटी छोटी किराना की दुकानें हैं ।लोग एक दूसरे को पहले नाम से या फलां का बेटा, फलां गली के तीसरे मकान के फलां का भतीजा है के … Continue reading अनुभूति -9