
आज प्रात: भ्रमण पर पत्थरों के बीच यह पौधा दिखाई दिया । फ़ोटो लेने का मन कर गया । पतझड़ में पत्तियाँ लाल हो गई हैं । कुछ दिन बाद गिर जायेगी । फिर बर्फ़ में दब कर वसंत आने पर हरी पत्तियाँ आयेंगी ।
परिवर्तन और संघर्ष जिजीविषा ..जीवन क्षणभंगुर पर अंतहीन !
कुछ और छाया चित्र














Integrity या प्रामाणिकता पत्थर पर लिखी लकीर जो प्रकृति का “स्वभाव” है । प्रकृति की प्रामाणिकता से कृत्रिम छेड़छाड़ जब होती है तब वह अपने मूल स्वरूप मे न रह कर अलग सा व्यवहार करती है। इस तरह की छेड़छाड़ से प्रभावित वातावरण परिवर्तन अब वैश्विक चुनौती बन चुका है। पर्यावरण संरक्षण की राह मे रोड़ा बन खडे है विकास की अंधाधुंध होड़, जनसंख्या मे बेतहाशा वृद्धि ।