राजनीति और राजनीतिज्ञ

जातिगत, धर्मगत, क्षेत्रगत, वर्गगत असंतुष्टि से तुष्टि, तुष्टि से तृप्ति लोलकों की डंडियां डोलती हैं इधर से उधर, उधर से इधर वास्तविकता से बे- खबर जनता जो कहलाती है जनार्दन बे असर, ख़ुश है मूर्ख बन कर राजनीतिज्ञ खोले अपने केश गुच्छ खुजलाते हैं खभर खभर

कौन है सुनता यहाँ

डाक्टर हेमेन्द्र जोशी Photo by David Besh on Pexels.com कौन है सुनता यहाँ भीड मे हैं सब,कौन है सुनता यहाँ अपने कहे क़िस्सों का तार बुनते यहाँ, मै सही, मेरी बात ही सही,जी हां, हां जी वालों को ही लोग सुनते यहाँ।सिसकती साँसें, तिलमिलाती धड़कनें अनकही जो रह गईं, उन्हें कौन गिनता यहाँ,मौन बन सहे, … Continue reading कौन है सुनता यहाँ

दिव्य कृपा

रश्मि कांत नागर यह कहानी जिसे मैं अपनी मां से बचपन मे सुना करता था आज भी याद है! मैंने ये कहानी उनसे पहली बार उस समय सुनी थी, जब मैं कोई पाँच साल का था। उसके बाद ये सिलसिला कोई चार-पाँच वर्ष और चला होगा। पर इस कहानी के बारे में विशेषता ये है, की मैंने ये कहानी … Continue reading दिव्य कृपा

हमारी जीजी

रश्मि कांत नागर मेरी माँ को हमने बचपन से इसी नाम से जाना। १९११ में जन्म और २००८ में देवलोक के बीच की भूलोक की उनकी यात्रा ने संघर्ष ही अधिक देखे। ईश्वर में असीमित आस्था और अपने गुरु- जिन्हें उसने ८-९ वर्ष की उम्र के बाद कभी नहीं देखा, की कृपा में अटूट विश्वास … Continue reading हमारी जीजी

विकसवा है कहां ? यहां है पर है भी नहीं !

https://videopress.com/v/s0mclpJ6?resizeToParent=true&cover=true&posterUrl=https%3A%2F%2Fvrikshamandir.com%2Fwp-content%2Fuploads%2F2022%2F07%2Ftrim.f5d7e3cc-2447-44c9-a00e-517f9114b86b_mov_hd.original.jpg&preloadContent=metadata&useAverageColor=true From the Twitter handle of @Utkarshsingh_ मानव सभ्यता के कुछ बुद्धिजीवी विशेषज्ञों का मानना है कि ”विकास” का पृथ्वी पर अवतरण सर्वप्रथम जंबूद्वीप के भारत खंड मे हुआ था। चूँकि बुद्विजीवी विशेषज्ञों का एक मत होना लगभग असंभव सा है, स्वाभाविक है कि बहुत से बुद्विजीवी विशेषज्ञ ऐसा नहीं मानते। उनके अनुसार, विकास सबसे … Continue reading विकसवा है कहां ? यहां है पर है भी नहीं !

कहानी – मेरी, आपकी 🤝हमारी

रश्मि कांत नागरबचपन की यादों मे मेरी, आप की और “हमारी” कहानियां काफी हद तक “एक” जैसी लगती है । शायद पहली लाइन पढ़ते ही आप को ऐसा लगे जैसे इस क़िस्से के नायक आप स्वयं हैं ! बचपन में स्कूल के दिनों में क्लास के दौरान शिक्षक द्वारा पेन माँगते ही हम बच्चों के … Continue reading कहानी – मेरी, आपकी 🤝हमारी