मेरा अमरोहा का दोस्त और उसकी फ़नकारी

मैंने एक अमरोहवी दोस्त को लिखा, पेशे ख़िदमत है जौन एलिया का एक शेर,

मै भी बहुत अजीब हूँ, इतना अजीब हूँ कि बस

खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं”

ग़ौरतलब हो कि “जौन” अमरोहा के बड़े ऐसे घराने से थे जिसने कई पुश्तों तक अदब, शायरी, फ़िल्मों आदि में अपने योगदान से बहुत नाम कमाया । जौन बाद में पाकिस्तान चले गये । मेरे अमरोहवी दोस्त के अंदर का छुपा शायर जाग उठा और उनका ताबड़तोड़ जबाब फ़टाक से आ गया।

मियाँ अमरोहा का शायर ढूँढ लाये हो । पूरा नाम है “ सैयद हुसैन साबित-ए-असगर नकवी”।क़रीब क़रीब हमारे मुहल्ले के थे यह बात दीगर है कि हमें हमारे मुहल्ले का पता ही नहीअगर, मगर, किंतु, परंतु, चूँकि, इसलिये, आबादी, बर्बादी, इश्क़, मोहब्बत, रोना , पीटना वग़ैरह कुछ लफ़्ज़ों में ज़िंदगी बयां हो जाती है।”

मै भी बावजूद बुढापे कोई कम नही । उन्हें जबाब दे दिया है, देखें अब उनका क्या कहना है।

“लफ़्ज़ों के मायने समझाने, समझने, समझ कर मायने बदलने और भुलाने में ज़िंदगी बयां हो जाती है।
वाह उस्ताद तिरी लफ़्ज़ों की
लफ़्फ़ाज़ी से तो नाकों दम है
वाह वाह
ततैया खां फ़क़त तेरा ही तो दम है”

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Responses

  1. Dr SC Malhotra Avatar
    Dr SC Malhotra

    यह क्या था ?
    लेख …..
    यादे ……
    टैम पास ……
    ज्ञान …..
    शायरी ….
    लतिफा ……
    क्या ??🤔🧐

    1. Vrikshamandir Avatar
      Vrikshamandir

      जो आपने लिखा सब कुछ !

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