Category: Poetry, कविता
बरसात और बर्फ़बारी
बरसात बंदुआरी मे बर्फ़बारी टोरंटो मे
गिरना
गिरना सब गिरना ही तो है चाहे ऊँचाई से नीचे आना या गिराया जाना परदे का या ख़ुद का या फिर दंडवत होना श्रद्धावश या क्षमा माँगने के लिये सब गिरना ही तो है जैसे लगाव हटना नीचे आना नदी मे मिल जाना नीचे का स्तर पाना शक्ति ह्रास सम्मान खोना प्रभाव का अभाव
वृक्ष मंदिर
One winter afternoon at Vrikshamandir .. life past, present and future