मैंने एक अमरोहवी दोस्त को लिखा, पेशे ख़िदमत है जौन एलिया का एक शेर, मै भी बहुत अजीब हूँ, इतना अजीब हूँ कि बस खुद को तबाह कर लिया और मलाल भी नहीं” ग़ौरतलब हो कि “जौन” अमरोहा के बड़े ऐसे घराने से थे जिसने कई पुश्तों तक अदब, शायरी, फ़िल्मों आदि में अपने योगदानContinue reading “मेरा अमरोहा का दोस्त और उसकी फ़नकारी”