ते तणो खरखरो फोक करवो

This blog is dedicated to the memory of my mother, who left us on 5 May 2021 to the world she had come from. If she was with us would have loved listening to the embedded bhajan. Thanks to Tushaar, my Twitter friend from Vadodara on whose website Bharat Parikrama, I read his beautiful storyContinue reading “ते तणो खरखरो फोक करवो”

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दिव्य कृपा

यह कहानी जिसे मैं अपनी मां से बचपन मे सुना करता था आज भी याद है! मैंने ये कहानी उनसे पहली बार उस समय सुनी थी, जब मैं कोई पाँच साल का था। उसके बाद ये सिलसिला कोई चार-पाँच वर्ष और चला होगा। पर इस कहानी के बारे में विशेषता ये है, की मैंने ये कहानी हर बार गहरीContinue reading “दिव्य कृपा”

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हमारी जीजी

मेरी माँ को हमने बचपन से इसी नाम से जाना। १९११ में जन्म और २००८ में देवलोक के बीच की भूलोक की उनकी यात्रा ने संघर्ष ही अधिक देखे। ईश्वर में असीमित आस्था और अपने गुरु- जिन्हें उसने ८-९ वर्ष की उम्र के बाद कभी नहीं देखा, की कृपा में अटूट विश्वास ने उन्हें आध्यात्मिकताContinue reading “हमारी जीजी”

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कहानी पुरानी लकड़हारे की, संदर्भ नया रश्मिकांत नागर द्वारा !

लकड़हारे की यह पुरानी कहानी तो आपने अवश्य सुनी या पढ़ी होगी। जंगल में गहरी नदी किनारे लकड़ी काटते समय हाथ से फिसल कर उसकी कुल्हाड़ी नदी में जा गिरी। जीवन यापन का एकमात्र साधन खोने से दुःखी लकड़हारा गहन चिंता में डूब कर जब रोने लगा तब उसके सामने जलदेवी प्रकट हुई, उसे पहले सोने, फिर चाँदी की कुल्हाड़ियों का प्रलोभन दिया और अंत में, लकड़हारे की ईमानदारी से प्रसन्न होकर, उसकी लोहे की कुल्हाड़ी के साथ सोने चाँदी की कुल्हाड़ियों का पुरस्कार देकर उसे हमेशा के लिए दरिद्रता से बाहर निकाल दिया। लकड़हारे ने अपना शेष सम्पन्न जीवन, सपरिवार संतोष से जिया।

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जिप्सीनी आँखों थी , अँधेरी रात के तारे

यह ब्लाग लिखना तो शुरू हुआ था एक कहानी “अँधेरी रात के तारे” के बारे में जो “जिप्सीनी आँखों थी” नामक पुस्तक से है।“जिप्सीनी आंखो थी“ पूरी पुस्तक यहां इंटरनेट आर्काइव से यहाँ पर उपलब्ध है । पर यहाँ मै “जिप्सीनी आँखों थी” से केवल एक कथा “अंधेरी रात के तारे” के बारे में लिखContinue reading “जिप्सीनी आँखों थी , अँधेरी रात के तारे”

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Geetha VK, Oorumooppathi (Kadar Tribal Leader) from Vazachal Settlement, near Athirapilly, Trissur

The blog titled ‘Aching Joys’which appeared a few days back in Vrikshamandir contained two photographs of a lady attired in a blue dress,surrounded by three others.Clearly,the lady in blue sort of looked out of place in the midst of three city slickers (an expression which I learned from Prof. Michael Halse!). Soon after it’s publication,aContinue reading “Geetha VK, Oorumooppathi (Kadar Tribal Leader) from Vazachal Settlement, near Athirapilly, Trissur”

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अनुभूति -१२

भला हो इक्कीसवीं सदी का । डाकिया आया, तार वाला आया या पड़ोस में या खुद के घर पर फ़ोन आया वाला जमाना लद गया । अब तो यार, दोस्त, परिवार के लोगों से फ़ोन,इमेल, व्हाटसएप आदि से हम चाहे कहाँ भी हो गाहे-बगाहे ज़रूरत, बे ज़रूरत संपर्क बना रहता है। भाई “एम के” औरContinue reading “अनुभूति -१२”

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अनुभूति -7

ज़िन्दगी किसी की मोहताज़ नही होती। हमारी हर कोशिशों के वावज़ूद, हम जितनी कोशिश करते है, हम ही ज़िन्दगी के मोहताज होते चले जाते है। ज़िन्दगी का विवेक, ज़िन्दगी जीने का शऊर, ज़िन्दगी को समझने का सलीका, ज़िन्दगी के समझने से आती है, समझाने से नही। उसके लिये नही चाहिये कोई डिग्री, कोई कॉलेज, कोईContinue reading “अनुभूति -7”

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Sri Ranganathaswamy Temple

India : Art , History , Culture , Architecture , Vedic India Art , Architecture , Culture Sri Ranganathaswamy Temple Located in Srirangam , Thiruchirapally District , Tamil Nadu Legend : Built by a lady called Hampi , in 817 – 894 AD : Historically , the first main structure was built by Chola KingContinue reading “Sri Ranganathaswamy Temple”

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अनुभूति

जब मैंने उनसे वृक्ष मंदिर पर लिखने का आग्रह किया तो उत्तर मिला; आप ने मुझे इस प्लैटफार्म पर कुछ लिखने को कहा। मेरा सौभाग्य। बहुत हिचक होती है। और सच पूछिए तो डर लगता है। डर लगता है कि जिस रिश्ते को संजो कर रक्खा है वह सलामत रख पाऊगा कि नही। और मैContinue reading “अनुभूति”

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