मेरा डीएनए; विविधता और पहचान

यह फेसबुक पोस्ट बहुत कुछ कह जाती है । इस लिंक पर क्लिक करें और वीडियो क्लिप देखें, जो एक पॉडकास्ट का हिस्सा है। इस पॉडकास्ट में, पाकिस्तानी परमाणु भौतिक विज्ञानी,प्रसिद्ध शोधकर्ता और शिक्षक श्री परवेज़ हुदाभाई डीएनए के बारे में बात करते समय पाकिस्तानी संदर्भ में उल्लेख कर रहे हैं कि जो लोग खुद … Continue reading मेरा डीएनए; विविधता और पहचान

कहानी – मेरी, आपकी 🤝हमारी

रश्मि कांत नागरबचपन की यादों मे मेरी, आप की और “हमारी” कहानियां काफी हद तक “एक” जैसी लगती है । शायद पहली लाइन पढ़ते ही आप को ऐसा लगे जैसे इस क़िस्से के नायक आप स्वयं हैं ! बचपन में स्कूल के दिनों में क्लास के दौरान शिक्षक द्वारा पेन माँगते ही हम बच्चों के … Continue reading कहानी – मेरी, आपकी 🤝हमारी

अनुभूति -१२

भला हो इक्कीसवीं सदी का । डाकिया आया, तार वाला आया या पड़ोस में या खुद के घर पर फ़ोन आया वाला जमाना लद गया । अब तो यार, दोस्त, परिवार के लोगों से फ़ोन,इमेल, व्हाटसएप आदि से हम चाहे कहाँ भी हो गाहे-बगाहे ज़रूरत, बे ज़रूरत संपर्क बना रहता है। भाई “एम के” और … Continue reading अनुभूति -१२

अनुभूति – 5

मिथिलेश कुमार सिन्हा भला हो इक्कीसवीं सदी का । डाकिया आया, तार वाला आया या पड़ोस में या खुद के घर पर फ़ोन आया वाला जमाना लद गया । अब तो यार, दोस्त, परिवार के लोगों से फ़ोन,इमेल, व्हाटसएप आदि से हम चाहे कहाँ भी हो गाहे-बगाहे ज़रूरत, बे ज़रूरत संपर्क बना रहता है।  भाई “एम … Continue reading अनुभूति – 5

अनुभूति

मिथिलेश कुमार सिन्हा भला हो इक्कीसवीं सदी का । डाकिया आया, तार वाला आया या पड़ोस में या खुद के घर पर फ़ोन आया वाला जमाना लद गया । अब तो यार, दोस्त, परिवार के लोगों से फ़ोन,इमेल, व्हाटसएप आदि से हम चाहे कहाँ भी हो गाहे-बगाहे ज़रूरत, बे ज़रूरत संपर्क बना रहता है।  भाई … Continue reading अनुभूति

भारतीयता की तलाश और कुबेरनाथ राय ‹ मेरा गाँव मेरा देश ‹ Reader — WordPress.com

अंग्रेज़ी की रंगरेज़ी में कहें तो लगता है कि “आइडिया आफ इंडिया” पर बहसबजी और गंभीर तर्क, कुतर्क करने वाले आधुनिक मनीषियों ने कुबेर नाथ राय को शायद पढ़ा नहीं है। यदि पढ़ा भी है तो उनकी दृष्टि से इस समय के सबसे ज्वलंत आइडेनटिटी या पहचान परक राजनीति के युग में कुबेर नाथ राय … Continue reading भारतीयता की तलाश और कुबेरनाथ राय ‹ मेरा गाँव मेरा देश ‹ Reader — WordPress.com