कहानी – मेरी, आपकी 🤝हमारी

शायद पहली लाइन पढ़ते ही आप को ऐसा लगे जैसे इस क़िस्से के नायक आप स्वयं हैं ! बचपन में स्कूल के दिनों में क्लास के दौरान शिक्षक द्वारा पेन माँगते ही हम बच्चों के बीच राकेट गति से गिरते पड़ते सबसे पहले उनकी टेबल तक पहुँच कर पेन देने की अघोषित प्रतियोगिता होती थी।Continue reading “कहानी – मेरी, आपकी 🤝हमारी”

Loading

Vrikshamandir is your tonic !

I have not been active on Vrikshamandir for some time. I have not been keeping well. It all started in mid November. One thing led to another. I sent a letter to some friends about my current health condition and also shared a link to a story which I read yesterday and liked most. IContinue reading “Vrikshamandir is your tonic !”

Loading

अनुभूति -१२

भला हो इक्कीसवीं सदी का । डाकिया आया, तार वाला आया या पड़ोस में या खुद के घर पर फ़ोन आया वाला जमाना लद गया । अब तो यार, दोस्त, परिवार के लोगों से फ़ोन,इमेल, व्हाटसएप आदि से हम चाहे कहाँ भी हो गाहे-बगाहे ज़रूरत, बे ज़रूरत संपर्क बना रहता है। भाई “एम के” औरContinue reading “अनुभूति -१२”

Loading

अनुभूति – 5

पिछले दो पोस्ट बिल्कुल व्यक्तिगत अनुभूतियां हैं जो मुझे अंदर से झकझोरती रही है, उसी परिभाषा के शोध की यह अगली कड़ी है। मै हरिद्वार के जिस धर्मशाला में हूं, उसमे करीब तीन सौ आदमियों के रहने की व्यवस्था है। पिछले साल का 20 मार्च का दिन। हमारे साथ करीब दो सौ यात्री। और लाकContinue reading “अनुभूति – 5”

Loading

अनुभूति

जब मैंने उनसे वृक्ष मंदिर पर लिखने का आग्रह किया तो उत्तर मिला; आप ने मुझे इस प्लैटफार्म पर कुछ लिखने को कहा। मेरा सौभाग्य। बहुत हिचक होती है। और सच पूछिए तो डर लगता है। डर लगता है कि जिस रिश्ते को संजो कर रक्खा है वह सलामत रख पाऊगा कि नही। और मैContinue reading “अनुभूति”

Loading

भारतीयता की तलाश और कुबेरनाथ राय ‹ मेरा गाँव मेरा देश ‹ Reader — WordPress.com

अंग्रेज़ी की रंगरेज़ी में कहें तो लगता है कि “आइडिया आफ इंडिया” पर बहसबजी और गंभीर तर्क, कुतर्क करने वाले आधुनिक मनीषियों ने कुबेर नाथ राय को शायद पढ़ा नहीं है। यदि पढ़ा भी है तो उनकी दृष्टि से इस समय के सबसे ज्वलंत आइडेनटिटी या पहचान परक राजनीति के युग में कुबेर नाथ रायContinue reading “भारतीयता की तलाश और कुबेरनाथ राय ‹ मेरा गाँव मेरा देश ‹ Reader — WordPress.com”

Loading