नागर को अचानक एक पुरानी कविता याद आई

लोग उन्हें याद करें या न करें, उनके बारे मे बातें करें चाहे न करें ।माइक एनडीडीबी की नींव के मज़बूत पत्थर थे। आज भी हैं । है तुम्हें किस बात का डर,रखो विश्वास इंजीनियरिंग पर,देंगे मीठी ख़ुशबू दूध और पनीर,पूरा होगा विज्ञान, डेयरियां बन जायेंगीं परफ़्यूमरियां माइक डॉ. माइकल हाल्स, एक विदेशी होने के … Continue reading नागर को अचानक एक पुरानी कविता याद आई

संगीत ऐसा भी है, जो मिट्टी गाए

अक्तूबर२०२२ के बाद डाक्टर मुकुंद नवरे से मई २०२३ मे पुनः संपर्क स्थापित हुआ। उनके जन्मदिन पर फ़ोन पर बातचीत भी हुई। मेरी उम्र के लोगों की बातों मे सलाम दुआ, एक दूसरे के स्वास्थ्य आदि की बातों के बाद ज़्यादा समय बीते दिनों की बातें करने में बीतता है। जो बीत गया उसे बयान … Continue reading संगीत ऐसा भी है, जो मिट्टी गाए

Dr HB Joshi shares his views on the why, what and how of Vrikshamandir

Dr HB JoshiDr.Hemendra Joshi – NDDB/ SAGP 1977-2000, Banas Dairy / 2001-2012 Thank you Dr Joshi for your kinds words about Vrikshamandir. I had written a blog in 2020 titled “Why Vrikshamandir”? I quote below the last paragraph of that blog.One can read the full text by clicking this link “Why Vrikshamandir” “I decided to … Continue reading Dr HB Joshi shares his views on the why, what and how of Vrikshamandir

दिव्य कृपा

रश्मि कांत नागर यह कहानी जिसे मैं अपनी मां से बचपन मे सुना करता था आज भी याद है! मैंने ये कहानी उनसे पहली बार उस समय सुनी थी, जब मैं कोई पाँच साल का था। उसके बाद ये सिलसिला कोई चार-पाँच वर्ष और चला होगा। पर इस कहानी के बारे में विशेषता ये है, की मैंने ये कहानी … Continue reading दिव्य कृपा

हमारी जीजी

रश्मि कांत नागर मेरी माँ को हमने बचपन से इसी नाम से जाना। १९११ में जन्म और २००८ में देवलोक के बीच की भूलोक की उनकी यात्रा ने संघर्ष ही अधिक देखे। ईश्वर में असीमित आस्था और अपने गुरु- जिन्हें उसने ८-९ वर्ष की उम्र के बाद कभी नहीं देखा, की कृपा में अटूट विश्वास … Continue reading हमारी जीजी

बुरा न मानो होली आई और चली गई

ट्विटर पर अपने परिचय मे “बनारस के बाबा” लिखे हैंपेशे से रिसर्च मे एक मजदूर हूं।एक केंद्रीय विश्वविद्यालय और दू गो IIT का तमगा लिये आवारा घूमता रहता हूं।यहां पर कहानियां सुनाता हूं कल्पनाओं मे घोल कर” ! पर आज यहां कहानी नही वरन वास्तविक अनुभव लिख मारे हैं। अरे भाई माफ़ करो हम से पोस्ट करने … Continue reading बुरा न मानो होली आई और चली गई

कथा, एक मित्र के ब्याह की भाग १ और २

रश्मि कांत नागर कथा, एक मित्र के ब्याह की भाग -१ सुप्रसिद्ध अंग्रेज़ी नाट्यकार जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने कहा था की, “हर बुद्धिमान महिला को जितनी जल्दी हो सके शादी कर लेनी चाहिये और हर एक बुद्धिमान पुरुष को शादी में जितनी देर हो सके उतनी देर करनी चाहिये”। हमारा मित्र उनके इस कथन से बहुत प्रभावित था। मुझे नहीं पता की जॉर्ज बर्नार्ड शॉ ने … Continue reading कथा, एक मित्र के ब्याह की भाग १ और २