आप में से बहुतों ने शायद यह कथा पहले भी सुनी या पढ़ी हो । मैंने इस कथा को एक नए संदर्भ में प्रस्तुत करने का दुस्साहस किया है। अगर पसंद आये, तो आगे बढ़ाइयेगा अन्यथा आप ने तो पढ़ ही ली है! क्योंकि कथा युगों पुरानी है, स्वाभाविक है कि इसका प्रारम्भ वैकुंठ सेContinue reading “आँख मिचौली; कथा पुरानी, संदर्भ नया”