अरे अनपढ़
पढ लिख
पर पढ़ लिख कर मत बन कुपढ़
और तू कुपढ
और पढ़
और पढ़ लिख कर बन सुपढ़
पर पढ़े लिखे होने का मत कर गुमान
हे सुपढ़
मान भी लें कि तू है सुपढ़
मत कर
अपने पढ़े लिखे होने का गुमान
नही तो जाना जायेगा
ग़रूर की नदी मे में डूबता उतराता
एक बुद्धिजीवी संस्कार विहीन इंसान !
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